बिहार में शिक्षा व्यवस्था का एक अहम हिस्सा बोर्ड परीक्षा होती है, जिसमें कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा सबसे ज्यादा जरूरी रखती है। इन परीक्षाओं को बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड यानी BSEB आयोजित करता है, जो हर साल एक निर्धारित समय-सारणी के अनुसार परीक्षा आयोजित करता है। यह परीक्षाएं छात्रों के भविष्य के लिए बहुत अहम मानी जाती हैं क्योंकि इसके आधार पर ही आगे की पढ़ाई और करियर की दिशा तय होती है।
हर साल लाखों छात्र बिहार बोर्ड की इन परीक्षाओं में शामिल होते हैं और समय से पहले तैयारी करने के लिए उन्हें यह जानना बहुत जरूरी होता है कि आखिरकार 10वीं और 12वीं की परीक्षा कब होती है। इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि बिहार में 10वीं और 12वीं की परीक्षा कब होती है, इनकी तैयारी की प्रक्रिया कैसी होती है और बोर्ड परीक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें क्या हैं।
10वीं की परीक्षा बिहार में कब होती है
बिहार में 10वीं कक्षा की परीक्षा हर साल फरवरी महीने में आयोजित की जाती है। बिहार बोर्ड समय से पहले परीक्षा कार्यक्रम जारी करता है ताकि छात्र तैयारी में कोई कमी न छोड़ें। परीक्षा आमतौर पर फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में शुरू होती है और लगभग दस से बारह दिनों तक चलती है।

इसमें सभी विषयों की परीक्षा एक के बाद एक तय तारीख के अनुसार होती है और परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाती है। पहली पाली सुबह 9:30 बजे से शुरू होती है और दूसरी कक्षा दोपहर 1:45 बजे से शुरू होती है। परीक्षा से पहले बोर्ड प्रैक्टिकल परीक्षा भी आयोजित करता है जो जनवरी के महीने में होती है।
12वीं की परीक्षा का समय
बिहार में 12वीं यानी इंटरमीडिएट की परीक्षा भी हर साल फरवरी के महीने में होती है। यह परीक्षा तीन सब्जेक्ट के आधार पर होती है विज्ञान, बिजनैस और कला। परीक्षा का कार्यक्रम बोर्ड द्वारा दिसंबर या जनवरी में जारी कर दिया जाता है जिससे छात्र समय रहते अपने विषयों की तैयारी अच्छे से कर सकें।
12वीं की परीक्षा भी दो क्लास में होती है और इसमें थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी शामिल होती हैं। प्रैक्टिकल परीक्षाएं जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में आयोजित की जाती हैं और थ्योरी की परीक्षा उसके बाद होती है। परीक्षा खत्म होने के बाद मूल्यांकन की प्रक्रिया मार्च में शुरू हो जाती है और परिणाम अप्रैल या मई में जारी किए जाते हैं।
परीक्षा फॉर्म और एडमिट कार्ड की प्रक्रिया
बिहार बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्र को पहले परीक्षा फॉर्म भरना होता है। यह फॉर्म स्कूल या कॉलेज के माध्यम से ऑनलाइन भरा जाता है। परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया आमतौर पर सितंबर से नवंबर के बीच होती है और बोर्ड इसकी सूचना Official वेबसाइट या विद्यालय के माध्यम से देता है। फॉर्म भरने के बाद जनवरी महीने में एडमिट कार्ड जारी कर दिया जाता है। बिना एडमिट कार्ड के कोई भी छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता है। एडमिट कार्ड में परीक्षा की तारीख, समय, केंद्र और छात्र की जानकारी दी जाती है।
बोर्ड परीक्षा के पहले की तैयारी और सुझाव
परीक्षा की तारीख तय होते ही छात्रों की तैयारी और भी गंभीर हो जाती है। परीक्षा से कुछ महीने पहले स्कूलों और कोचिंग में टेस्ट सीरीज और मॉडल पेपर की तैयारी कराई जाती है। बिहार बोर्ड भी हर साल मॉडल पेपर और सैंपल प्रश्न पत्र जारी करता है जिससे छात्रों को परीक्षा के प्रारूप की जानकारी मिलती है। छात्रों को चाहिए कि वे डेली पढ़ाई के लिए एक टाइम टेबल बनाएं और कठिन सब्जेक्ट पर ज्यादा ध्यान दें। पुराने प्रश्न पत्रों को हल करना और समय की प्रैक्टिस करना बहुत जरूरी होता है ताकि परीक्षा के दिन घबराहट न हो।
परीक्षा के बाद परिणाम और प्रमाण पत्र
परीक्षा समाप्त होने के बाद बिहार बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करता है और परिणाम आमतौर पर अप्रैल या मई महीने में घोषित करता है। छात्र अपने रोल नंबर और जन्मतिथि की मदद से बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। इसके बाद स्कूलों के माध्यम से उन्हें मार्कशीट, पास सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज भी मौजूद कराए जाते हैं। 12वीं पास करने वाले छात्रों को कॉलेज में दाखिले के लिए यह दस्तावेज बहुत जरूरी होते हैं। 10वीं के बाद छात्र अपनी पसंद के अनुसार इंटर के टॉपिक चुनते हैं जैसे साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स।
बिहार बोर्ड परीक्षा की खास बातें
बिहार बोर्ड परीक्षा को देश की सबसे बड़ी बोर्ड परीक्षाओं में गिना जाता है क्योंकि इसमें हर साल लाखों छात्र हिस्सा लेते हैं। बोर्ड ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी परीक्षा की सिस्टम में कई सुधार किए हैं जिससे Transparency और सटीकता बढ़ी है। अब बोर्ड डिजिटल तरीके से फॉर्म भरवाता है, समय से पहले मॉडल पेपर जारी करता है.
और रिजल्ट जल्दी घोषित करता है। परीक्षा केंद्रों पर CCTV कैमरे लगाए जाते हैं और नकल रोकने के लिए सख्ती बरती जाती है। इन बदलावों के चलते छात्रों में अब पढ़ाई को लेकर गंभीरता और आत्मविश्वास दोनों बढ़े हैं।
अगर आप बिहार बोर्ड की 10वीं या 12वीं की परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं तो जरूरी है कि आप परीक्षा से जुड़ी तारीखों, प्रक्रियाओं और बोर्ड के निर्देशों पर विशेष ध्यान दें। समय पर तैयारी शुरू करें, मॉडल पेपर हल करें और अपनी कमजोरी को पहचान कर उसे सुधारने की कोशिश करें। सही प्लानिंग और मेहनत से आप निश्चित रूप से बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।